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उशिबोरी में शाम की आभा

कला प्रशंसा

यह मनमोहक लकड़ी की छपाई सूर्यास्त के समय एक शांतिपूर्ण नदी के दृश्य को दर्शाती है, जहाँ एक अकेना नाव जल की आईने जैसी सतह पर धीरे-धीरे तैर रही है। दृश्य में उंचे, पतले पेड़ अंधेरे साए के रूप में आकाश के सामने खड़े हैं, और उनकी आकृतियाँ नदी की प्रतिबिंबित सतह पर नरम रूप में दोगुनी हुई दिखती हैं। नीले और मद्धम हरे रंग का सूक्ष्म मिश्रण इस शांति के क्षण को और भी गहरा कर देता है। एक पाल वाली नाव, जिसमें कुछ व्यक्ति बैठे हैं, मानव उपस्थिति की एक सूक्ष्म झलक प्रस्तुत करती है, जो प्रकृति और मानव गतिविधि के बीच संबंध को दर्शाती है।

कलाकार ने पारंपरिक उकियो-ए तकनीकों का उपयोग कर रेखाओं और सूक्ष्मता पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे तस्वीर में गहराई और सामंजस्य उत्पन्न हुआ है। रचना में घटकों की परतदारी के माध्यम से गहराई स्पष्ट होती है; सामने की घास से दूर खड़ी पेड़ों तक की विस्तृत झरनी। भावनात्मक प्रभाव शांति और ध्यानमग्न एकाकीपन का है, जो लगभग ध्यान की स्थिरता का अनुभव कराता है। यह कृति 20वीं सदी के आरंभ में बनी थी, जो जापानी परिदृश्य कला की पारंपरिक शैली के विकास को दर्शाती है।

उशिबोरी में शाम की आभा

हासुई कावासे

श्रेणी:

रचना तिथि:

1930

पसंद:

0

आयाम:

4674 × 6616 px

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