
कला प्रशंसा
यह चित्रशाला की छोटी-छोटी, स्वतंत्र ब्रश स्ट्रोक्स की बारीकी से लगाई गई परत से एक शांत नदी किनारे का दृश्य प्रस्तुत करता है, जो पॉइंटिलिज़्म तकनीक की विशेषता है। समेटे हुए दोनों किनारों वाली नावें सामने हैं, जो सूक्ष्म भूरे और नीले रंग के टुकड़ों में निर्मित लकड़ी की आकृतियों के साथ जल की शांति की ओर आमंत्रित करती हैं। नदी एक धुंधली, हल्की नीली और ग्रे आच्छादित क्षितिज की ओर फैलती है, जहाँ पाल नावें और दूर-दराज की नदी तटियाँ हल्के मेघ में घुलमिल जाती हैं। नदी के किनारे पर, हरे-भरे पेड़ और कुछ झोपड़ियाँ जगह-जगह बिखरी हुई हैं, जिनके स्वरूप छोटे-छोटे हरे, पीले और बैंगनी रंग के डॉट्स में टूटे हुए हैं — हर स्ट्रोक में प्रकाश और जीवन झलकता है।
रचना सन्तुलित एवं समृद्ध है; सामने के तत्व अपनी बनावट और संरचित लाइनों के साथ देखते ही ध्यान खींचते हैं, वहीं पीछे के चिकने एवं डिफ्यूज बैकग्राउंड का माहौल विचारशीलता और शांति का अनुभव कराता है। इस पेंटिंग की फुल रंगों की पट्टी — रेतीले बेइज से हरे पौधों और नरम नीले तक — नर्म और आराम देने वाली, सुबह के शुरुआती क्षणों या आरामदेह दोपहर की नदी किनारे की शांति को महसूस कराती है। यह कृति धीर-धीरे बहते नदी किनारे के समय की मूर्ति बन जाती है, जिसमें करुणामय लहरें सुनाई देने लगती हैं और प्रकृति के शांति भरे मंत्र softly फुसफुसाते हैं।