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कला प्रशंसा
मंद और अलौकिक चांदनी की रोशनी में नहाई यह चित्र एक शांत रात्रि दृश्य को दर्शाती है जहाँ प्रकृति और इतिहास मिलते हैं। चमकदार पूर्णिमा बादलों से भरे आकाश में टंगी है, जो नदी के शांत पानी पर चांदी सी चमक बिखेर रही है। बाएँ ओर पत्थर के एक प्राचीन टॉवर के खंडहर रहस्य और अतीत की याद दिलाते हैं, जबकि दायें ओर एक मोटा, मुड़ा हुआ पेड़ जीवन और क्षय के बीच जीवंत विरोधाभास प्रस्तुत करता है। सामने की चट्टानों पर बहता पानी हल्की गति का एहसास कराता है, जो रात की शांति को संतुलित करता है। नदी के किनारे छोटे-छोटे व्यक्ति मनुष्य की उपस्थिति और शांति का संकेत देते हैं।