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कला प्रशंसा
यह मनोहर नदी के किनारे का दृश्य हरे-भरे तट पर धीरे-धीरे खुलता है जहाँ विशाल पेड़ मिट्टी के नरम रंगों में पत्तियाँ फैलाए, बादलों भरे शांत आकाश के नीचे धीरे-धीरे हिल रहे हैं। कलाकार ने प्रकाश और छाया का सुंदर संतुलन अत्यंत कुशलता से प्रस्तुत किया है, जिससे पत्तियों और घास की बनावट को कोमलता मिली है, और एक शांत, प्रकृति के आलिंगन की अनुभूति होती है। पेड़ों के बीच दो व्यक्ति आराम से बैठे हैं, उनकी मुद्राएँ विश्राम की कहानी कहती हैं, और दूर की शांत जलधारा और बूंदे भरी आकाश जल की सतह पर धुंधली रूप में प्रतिबिंबित हो रही है।