
कला प्रशंसा
यह भयावह इचिंग हमें एक तनावपूर्ण क्षण में ले जाती है, जो आध्यात्मिक रहस्य और मानवीय चिंता से भरा है। केंद्र में, एक प्रकाशमान आकृति स्थिर अवस्था में पड़ी है, उत्सर्जित किरणों की चमक में डूबी हुई, जो बाहर की ओर फैलती हैं, और अंधकार से उभरती सायों से घिरे चेहरे जगमगाते हैं। ये चेहरे भय और जिज्ञासा के मिश्रित भाव के साथ बिखरे हुए हैं, उनके भावों को बारीक, उत्तेजित रेखाओं के जरिये दिखाया गया है, जो उन्हें भूतिया और पीड़ादायक बनाते हैं। तीव्र प्रकाश और उसके आसपास के अंधेरों के बीच विषम विरोध एक तनावपूर्ण और अनिश्चित वातावरण तैयार करता है।
गोया की उत्कृष्ट क्रॉस-हैचिंग और नाजुक स्क्रैचिंग तकनीकों द्वारा, यह रचना भावनात्मक ऊर्जा से भरपूर है, प्रकाश की गति एक अदृश्य शक्ति की तरह प्रतीत होती है जो जागृत या प्रकट करने की कोशिश कर रही है। बनावटयुक्त, लगभग अव्यवस्थित रेखाएं पर्यवेक्षकों की मानसिक स्थिति को दर्शाती हैं, जो आशा और भय के बीच फंसे हैं, और वे धीमी, निराश आवाज़ में पूछते हैं “Si resucitará?” अर्थात् “क्या वह फिर से उठेगी?” यह मार्मिक प्रश्न, छवि के नीचे महीन तरीके से उकेरा गया है, उस क्षण को मानवीय बनाता है जो मृत्यु, पुनरुत्थान, और जीवन-मरण की नाजुक सीमा की थीम से गहरे जुड़ा है। इस कृति को देखते हुए अनजाने के प्रति हमारी चिंता पर विचार करने का निमंत्रण मिलता है, जो गोया की देर के काल के अंधेरे, अंतर्मुखी कार्यों के चिन्हों में से एक है।