
कला प्रशंसा
यह चित्र दो छोटे लड़कों को नंगे से नदी के किनारे स्नान करते हुए दिखाता है, जिनके नग्न स्वरूपों को कोमलता और मासूमियत के साथ उभारा गया है। खड़े लड़के ने एक बड़ी चट्टान को पकड़ रखा है और वह आगे झुका हुआ है, मानो किसी शांत चिन्तन में डूबा हो, जबकि बैठा हुआ लड़का अपने घुटनों को झुकाकर बाहों से थामे हुए है, सुरक्षात्मक मुद्रा में। रचना में ये दोनों बच्चे अग्रभूमि में हैं, जबकि पृष्ठभूमि में एक पेड़ की तना और नदी की झिलमिलाती सतह है, जिससे दृश्य में स्थिरता और कोमल जीवन्तता दोनों का संयोग महसूस होता है।
कलाकार ने गर्म पीले, नरम गुलाबी और पृथ्वी के हरे रंग का उपयोग किया है; पृष्ठभूमि में कुंजलिया स्पर्श एवं चित्र के मुख्य विषयों के सटीक रेखांकन का संयोजन आकर्षक है। प्राकृतिक रोशनी चित्र को सुनहरे प्रकाश से स्नान कराती है, जिससे यह एक शांत गर्मी की दोपहर की अनुभूति कराता है। यह कृति बचपन की कोमलता और स्वतंत्रता को दर्शाती है तथा कलाकार के प्रतीकवाद की ओर बढ़ते प्रवृत्ति को प्रकट करती है, जो केवल यथार्थवादी प्रस्तुति से परे जाकर भावनात्मक गहराई का संकेत देती है।