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बोर्दो में अपने आप चलने वाले भिखारी

कला प्रशंसा

यह प्रभावशाली चित्र एक अकेले भिखारी को दर्शाता है, जो एक सरल पहियों वाले ठेलें में बैठा है। उसकी आकृति ढीली और अभिव्यक्तिपूर्ण रेखाओं से बनी है, जो गतिशीलता और एक कच्ची नाजुकता दोनों को दर्शाती हैं। भिखारी सिर पर चौड़ी छत्रीदार टोपी पहने है, दाढ़ी-मूंछें जर्जर और कपड़े भी पुराने हैं, जो जीवन की कठिनाइयों का भलीभांति परिचय कराते हैं। ठेले के पहिये चित्र के केंद्र में हैं, जिनके डंडे बड़े विस्तार से बनाए गए हैं और ये कुंभकाया चित्र के आदमकद, अस्पष्ट आकृति से बिलकुल विपरीत हैं। नीचे स्पेनिश में कुछ हाथ से लिखा हुआ शब्द है, "Mendigos que se llevan solos en Bordeaux" — जो हस्तरेखा को एक व्यक्तिगत भाव देता है। यह नाजुकता और क्षणभंगुरता को बढ़ाता है, जिसे चित्र के कोमल पेंसिल या चारकोल टेक्निक से दर्शाया गया है।

बोर्दो में अपने आप चलने वाले भिखारी

फ़्रांसिस्को गोया

श्रेणी:

रचना तिथि:

1824

पसंद:

0

आयाम:

3016 × 4096 px
140 × 194 mm

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